क्या मोटापे से बच्चों की इमोशनल हहेल्थ पर पड़ता है असर

बच्चे पर मोटापे का प्रभाव : मोटापा आज के समय की सबसे बड़ी समस्या है जिससे छोटे क्या बड़े सभी जूझ रहे हैं. ऐसा कहा जाता है कि मोटापा कई अलग-अलग कारणों का परिणाम होता है. कभी-कभी ये जेनेटिक होता है तो कभी यह आपकी खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है और जब बचपन के मोटापे की बात आती है, तो डॉक्टर्स की माने तो बचपन का मोटापा धीरे-धीरे बच्चों के इमोशनल हेल्थ पर असर डालने लगता है. आखिर गोल मटोल से क्यूट दिखने वाले बच्चों के माइंड में मोटापे का क्या असर होता है चलिए जानते हैं.

1. शर्म महसूस होना

जो मोटापा बचपन में क्यूट लगता है जैसे ही बच्चे थोड़ा बड़े होने लगते हैं वही मोटापा उनके शर्म की वजह बन जाता है. यह बच्चों को इमोशनली हर्ट करता है. स्टडीज में पता चला है कि छह साल की उम्र से ही बच्चे मोटापे को नेगेटिव लेने लगते हैं. उनके हिसाब से जो बच्चा मोटा होता है उसे कोई पसंद नहीं करता.

2. लूज़ होने लगता है कॉन्फिडेंस

हालांकि यह सच है कि कुछ अधिक वजन वाले बच्चे अपने साथियों के बीच लोकप्रियता का आनंद ले सकते हैं. उन्हें क्यूट और चबी बुलाया जाता है लेकिन साथ ही साथ ऐसे बच्चों का दोस्तों के बीच कॉन्फिडेंस कम होने लगता है. उनका आत्मविश्वास धीरे-धीरे कम होता है जिसका असर उनकी पर्सनालिटी पर पड़ने लगता है.

3. डिप्रेशन

जब भी मोटापा बढ़ता है तो बच्चे ऐसा महसूस करने लगते हैं कि वह कहीं फिट नहीं होंगे. बच्चे अकेला फील करने लगते हैं. ये मोटापा उनके लिए डिप्रेशन की वजह बन जाता है क्योंकि वह हर वक्त उदास रहने लगते हैं और इसका असर उनके इमोशनल हेल्थ पर भी पड़ता है.

4. इमोशनल ईटिग

जहां वजन कम करने के लिए पेरेंट्स और डॉक्टर कम खाने की सलाह देते हैं वही जैसे-जैसे बच्चा अकेलापन महसूस करता है वह इमोशनल ईटिंग की तरफ बढ़ता जाता है. इमोशनल ईटिंग वो कंडीशन होती है जब भूख ना लगने पर भी स्ट्रेस की वजह से इंसान खाकर अच्छा महसूस करता है.

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