क्या हमें मोमोज खाना बंद कर देना चाहिए? 7 कारण क्यों मोमोज सेहत के लिए हो सकते हैं खराब

मोमोज हमारा पसंदीदा भोजन है, मांस या सब्जियों या दोनों से भरे उन स्वादिष्ट पकौड़ों में क्या पसंद नहीं है? स्टीम्ड या फ्राइड, करी या तंदूरी किस्में और मोमोज व्यापक रूप से लोकप्रिय रहे हैं। और सर्दियों के मौसम में मोमोज खाने का मजा ही कुछ और होता है! लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका मनपसंद खाना खाने से जुड़े कुछ खतरे भी हैं? डॉ. प्रियंका रोहतगी, चीफ न्यूट्रिशनिस्ट, अपोलो हॉस्पिटल्स, नई दिल्ली ने इनमें से कुछ के बारे में बताया

1) रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोमोज को रिफाइंड आटे से बनाया जाता है और फिर एज़ोडिकार्बोनामाइड, क्लोरीनगैस, बेंज़ॉयल पेरोक्साइड और अन्य ब्लीच जैसे हानिकारक रसायनों के साथ इलाज किया जाता है। ये रसायन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और अग्न्याशय को नुकसान पहुंचा सकते हैं और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकते हैं।

2) मोमो में भराई अक्सर अस्वास्थ्यकर होती है और इससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं और संक्रमण हो सकते हैं। कुछ डरावनी रिपोर्टें सामने आई हैं जिनमें कहा गया है कि सब्जियां बासी होने के साथ ही नॉन-वेज मोमोज और भी ज्यादा डरावने हैं, जहां इस्तेमाल किए गए मांस में लंबे समय तक मुर्गे मर चुके होते हैं!

3) मोमोज मैदे से बने होते हैं और इसलिए स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं होते हैं। यहां तक ​​कि इससे कब्ज भी हो सकता है। मैदा में उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है, जिससे उच्च रक्त शर्करा भी होता है।

4) मोमो विक्रेताओं द्वारा उपयोग की जाने वाली लाल मिर्च पाउडर अक्सर अच्छी गुणवत्ता की नहीं होती है। यदि लोग बहुत अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करते हैं, तो इससे रक्तस्रावी बवासीर या पाइल्स भी हो सकता है।

5) मोमोज में मोनो-सोडियम ग्लूटामेट (MSG) गंभीर स्वास्थ्य चिंता का कारण है। इससे न केवल मोटापा बढ़ता है, बल्कि तंत्रिका विकार, पसीना, सीने में दर्द, मतली और धड़कन जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं भी होती हैं।

6) टाइम्स ऑफ इंडिया, होटल प्रबंधन, खानपान और पोषण संस्थान, पूसा की एक रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन से पता चला है कि दिल्ली के स्ट्रीट फूड, मोमोज सहित, में अनुमेय कोलीफॉर्म स्तरों से बहुत अधिक मल शामिल है।

7) मोमोज में इस्तेमाल होने वाली सब्जियां खासकर पत्ता गोभी खतरनाक साबित हो सकती है। यदि उन्हें ठीक से नहीं पकाया जाता है, तो उनमें टेपवर्म के बीजाणु हो सकते हैं। टेपवर्म मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं और जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। इसलिए सावधान रहना बेहद जरूरी है।


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